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ऋषिकेश।अमूमन अदावत राजनीतिज्ञों में होती है, लेकिन यह रस्साकशी अधिकारियों तक पहुंच जाए, तो न सिर्फ जनसुविधा प्रभावित होती है, बल्कि विकास का भी अता-पता नहीं रहता है। इसी से ऋषिकेश शहर भी जूझ रहा है, जिसमें हॉट-टॉक को लेकर ऋषिकेश में तमाम तरह की चर्चाएं न सिर्फ सोशल मीडिया, बल्कि चौक-चौराहों तक हो रही हैं।
मामला नगर निगम ऋषिकेश से जुड़ा है। यहां नगर निकाय चुनाव के बाद मेयर के रूप में शंभू पासवान का निर्वाचन हुआ है। शहर में नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने के लिए वह प्रयासरत दिखते हैं, जिसमें बतौर प्रशासन उन्हें नगर आयुक्त की जरूरत पड़ती है, लेकिन हालिया एक घटनाक्रम एक बैठक में नगर आयुक्त बुलावे पर न सिर्फ आए, बल्कि फोन पर उन्हें बैठक की जानकारी देखते हुए उपस्थित होने के लिए कहा गया, तो मेयर शंभू पासवान का दावा है कि नगर आयुक्त ऊंची आवाज में बात करने लगे। यही नहीं, मेयर की मानें, तो उन्हें निगम से मिले वाहन पर जीपीएस तक इस हॉट-टॉक से पहले ही लगा दिया गया। लिहाजा, अब मेयर निजी वाहन से घूम रहे हैं और उन्होंने निगम का वाहन कहें, तो सरेंडर कर दिया है।
शहर में जनसुविधाओं को लेकर आयोजित बैठक में नगर आयुक्त को बुलाने के दौरान का यह विवाद बताया जा रहा है, मगर सोशल मीडिया पर वायरल बयानों के बीच तमाम की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। खास यह है कि नगर क्षेत्र के विकास के लिए सीधेतौर पर निर्वाचित जनप्रतिनिध के रूप में मेयर और क्रियान्वयन के लिए नगर आयुक्त हैं। ऐसे में इनके बीच की राजनीतिज्ञों की तरह अदावत किसी राजनीति से कम नजर नहीं आ रही है। तीन दिन पहले सामने आया यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। देखना दिलचस्प है कि आखिर कैसे मेयर और नगर आयुक्त के बीच समन्वय स्थापित होता है।
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
हमने कोई भी गलत बात नहीं की और शालीनता से अपनी बात रखी।जीपीएस नगर निगम द्वारा नहीं लगाया गया । सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत द्वारा जानकारी दी गई है कि टैक्सी मालिक से पूछताछ करने पर पता चला है कि टैक्सी गाड़ी होने के कारण नियम अनुसार गाड़ी को फिटनेस पर भेजते समय टैक्सी मालिक द्वारा यह जीपीएस लगाया गया।सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत के संज्ञान में आते ही टैक्सी मालिक द्वारा जीपीएस हटा दिया गया और गाड़ी को नगर निगम में भेज दिया गया। इसकी सूचना माननीय महापौर के स्टाफ को उसी समय उनके द्वारा दे दी गई थी।इस संबंध में और बेहतर रमेश रावत अधिक स्पष्ट बता सकते हैं।
शैलेन्द्र सिंह नेगी,नगर आयुक्त ऋषिकेश