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ऋषिकेश:पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाले विश्व प्रसिद्ध राम झूला पुल के ट्रैक पर पड़ी दरारों को पीडब्लूडी नरेंद्र नगर ने फीलिंग कर भरने का काम किया है। लेकिन यह फीलिंग लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। इस फिलिंग पर पैर रखते ही पुल पर चलने वाले पर्यटको और स्थानीय लोगों की चप्पल चिपक रही है। हालात ऐसे हैं कि कई लोग फिलिंग पर चिपकी चप्पल को छुड़ा नहीं पाए और नंगे पैर ही गंतव्य की ओर रवाना हो गए। इस मुसीबत की वीडियो लोग सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल कर तरह-तरह के सवाल जवाब करने में लगे हैं। जिससे उत्तराखंड सरकार का नाम देश के कोने-कोने में बदनाम हो रहा है।
बता दें कि राम झूला पुल काफी लंबे समय से जर्जर हालत में है। जिसकी मरम्मत के लिए पीडब्लूडी नरेंद्र नगर लगातार सरकार से बजट लेने का प्रयास कर रहा है। 11 करोड़ की डीपीआर जाने के बाद भी विभाग को पुल की मरम्मत के लिए अभी तक बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। ऐसे में पुल के फर्श पर पड़े क्रैक को भरने का काम विभाग ने किया। लेकिन क्रैक भरने के लिए जो डामर डाला गया है वह लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। पैदल चलने के दौरान लोगों की चप्पल डामर पर रखते ही चिपक रही हैं। राम झूला पुल पर लोग इस तरह चल रहे हैं मानो वह कहीं कीचड़ में फंस गए हो। पुल पर डाली गई डामर में चिपकी चप्पल छोड़कर भी कई पर्यटक और स्थानीय लोग जा चुके हैं। पुल के फर्श पर चिपकी चप्पल खुद इस बात की तस्दीक करने में लगी है।
इस संबंध में पीडी नरेंद्र नगर के अधिशासी अभियंता विजय कुमार मोगा ने बताया कि माइनर क्रैक में तो फीलिंग अच्छी तरह हो गई है। लेकिन बड़े क्रैक में फीलिंग लोगों के चलने के दौरान फ्लैक्सिबल होकर ऊपर आ रही है। जिससे यह दिक्कत लोगों को महसूस हो रही है। समस्या का समाधान करने के प्रयास शुरू किए गए हैं।
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