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ऋषिकेश:तत्कालीन कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के होली मिलन समारोह के बाहर हुए हंगामे के मामले में भाजपा कार्यकर्ता लक्ष्मी गुरुंग की ओर से छह आंदोलनकारी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके खिलाफ उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने इस रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। कहा कि भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में महिला के साथ घटना कैसे हो गई, इसकी जांच होनी चाहिए रायवाला पुलिस के खिलाफ मोर्चा मानवाधिकार संरक्षण आयोग में दस्तक देगा।
ऋषिकेश प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करते हुए स्वाभिमान मोर्चा के सदस्य और संबंधित मामले के आरोपी बनाए गए एडवोकेट लालमणि रतूड़ी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बॉबी रांगड ने कहा कि 11 मार्च को हम सभी श्यामपुर राणा फार्म हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। भाजपा नेताओं ने सुनियोजित रणनीति के तहत अपनी उक्त महिला नेता को बाहर भेजा। मौके पर यह महिला प्रदर्शनकारियों से उलझ रही थी, जिसकी लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया में उपलब्ध है। मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद था। इसके बावजूद महिला ने आंदोलनकारियों पर छेड़छाड़ व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भारी पुलिस फोर्स के बीच इस तरह की घटना कैसे हो गई, यह भी जांच का विषय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के दबाव में रायवाला पुलिस ने यह झूठा मुकदमा दर्ज किया है। 24 घंटे के भीतर यदि मुकदमा वापस नहीं हुआ तो हम आंदोलन शुरू करेंगे और रायवाला पुलिस के खिलाफ हम मानवाधिकार आयोग में जाएंगे। इस मौके पर दिनेश चंद्र मास्टर की पत्नी शर्मिला देवी, सुधीर राय रावत, हिमांशु पंवार, सीताराम रणाकोटी, आशुतोष शर्मा, पुष्पा रावत, राहुल रावत, कुसुम जोशी आदि मौजूद रहे।
मैं घटना के वक्त मौजूद नहीं थाः रणाकोटी
आंदोलनकारी सीताराम रणकोटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 11 मार्च को जब यह प्रदर्शन हुआ तो वह ऋषिकेश में थे ही नहीं। उनका नाम इस मामले में फर्जी तरीके से घसीटा गया है। उन्होंने बताया कि अपने जन्मदिन के उपलक्ष में वह अपने गांव पालकोट देवप्रयाग में भागवत कथा में मौजूद थे।
क्या था मामला
थाना रायवाला के प्रभारी निरीक्षक बीएल भारती ने बताया कि वैदिक नगर निवासी लक्ष्मी गुरुंग ने तहरीर दी है। जिसमें उन्होंने बताया कि वह गत 11 मार्च को राणा फार्म हाउस में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी स्कूटी से जा रही थी। खैरी-खुर्द के पास कुछ लोग भीड़ जमाकर खड़े थे। भीड़ में से कुछ लोग फब्तियां कसने लगे और गाली गलौच की। जब इसका विरोध किया तो कुछ लोग भीड़ में से निकलकर आये और छेड़छानी करते हुए मारपीट करने लगे। महिला का आरोप है कि इन लोगों ने उसे छूकर कपड़े फाड़े और उसकी लज्जा भंग की। बाद में महिला के बारे में सोशल मीडिया में उसके बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाली। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मामले में आरोपित हिमांशु पंवार, दिनेश चंद्र मास्टर, बाबी रांगड़, लालमणि रतूड़ी, सीताराम राणाकोटी व बीरेंद्र बिष्ट के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।