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ऋषिकेश:ऋषिकेश एम्स में महिला डॉक्टर से हुई छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेने के लिए जो कदम उठाया, वह सुरक्षा के लिहाज से कहीं न कहीं बेहतर था,क्योंकि जिस तरह का आक्रोश एम्स के भीतर देखा जा रहा था उससे किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया सकता।
बीते 19 मई को ऋषिकेश एम्स में एक महिला डॉक्टर के साथ नर्सिंग अफसर के द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आता है,फिर 21 मई मंगलवार के दिन पुलिस को शिकायत मिलती है, शिकायत के आधार पर पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए जब एम्स पहुंची है तब एम्स(AIIMS) परिसर के भीतर का माहौल खौफनाक नजर आता है। आरोपी नर्सिंग ऑफिसर के खिलाफ बड़ी संख्या डॉक्टर का हुजूम इकट्ठा होता है, जो बेहद आक्रोशित नजर आता है।भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो की उस दौरान अगर आरोपी आक्रोशित भीड़ के हाथ लग जाता तो बड़ी अनहोनी हो जाती !
यही कारण है कि पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से अपने वाहन को एम्स AIIMS के भीतर इमरजेंसी के वेटिंग एरिये से जाते हुए तीसरे फ्लोर तक पहुंचती है और बमुश्किल पुलिस फोर्स आरोपी को आक्रोशित भीड़ से बचाते हुए अपने वाहन में डालकर सुरक्षित कोतवाली ले कर आती है, जहां पर आरोपी के विरुद्ध संबधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जाती है।
सूत्रों की माने तो जिस दौरान डॉक्टर आरोपी नर्सिंग ऑफिसर के विरूद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं दूसरीओर कुछ नर्सिंग ऑफिसर आरोपी के समर्थन में दिखाई दे रहे थे, लिहाजा आपसी टकराव की स्थित न पैदा हो और मरीजों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े संभवतः इस वजह से पुलिस ने यह कदम उठाया।