
Nitya Samachar UK
Rishikesh:महापौर शंभू पासवान और नगर आयुक्त शैलेन्द्र सिंह नेगी के बीच चल रहा विवाद पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद शांत हो गया है,बीते रोज बैराज स्थित कैंप कार्यालय में दोनों लोगों को एक साथ बैठकर प्रेमचंद ने समझाया,विवाद छोड़कर विकास की ओर ध्यान देने पर पूर्व मंत्री ने अधिक जोर दिया।
नगर निगम के अपने दूसरे कार्यकाल में इस निकाय को फिलहाल बड़े लोगों के बीच हुए विवाद से राहत मिल गई है। वर्तमान बोर्ड के गठन को अभी दो महीने हुए हैं। मेयर शंभू पासवान और नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी के मध्य कुछ विषयों को लेकर विवाद हो गया था। मेयर ने तो खुले रूप से मोर्चा खोलते हुए उनके खिलाफ बोर्ड की बैठक तक बुला ली थी। मगर, संगठन के हस्तक्षेप के बाद बोर्ड बैठक टाल दी गई।
सोशल मीडिया और मीडिया में मामला लंबे समय तक छाया रहा।
नगर निगम के इतिहास में शायद ही पहली बार ऐसा हुआ होगा कि किसी विवाद को लेकर नगर आयुक्त एक हफ्ते की लंबी छुट्टी पर चले गए हो। 01 अप्रैल से निरंतर अवकाश पर चल रहे नगर आयुक्त सोमवार को ड्यूटी पर वापस आ गए। इस पूरे मामले में आखिरकार पूर्व मंत्री व विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा। बीते सोमवार को पूर्व मंत्री ने दोनों को अलग अलग अपने कैंप कार्यालय में बुलाया।दोनों की बात को अलग-अलग सुना, फिर दोनों को आमने-सामने किया गया। मेयर और आयुक्त ने अपनी अपनी बात रखी।
सूत्रों की माने तो इस वार्ता में मेयर की गाड़ी में जीपीएस का भी मामला सामने आया। जिस पर नगर आयुक्त ने स्थिति स्पष्ट करी की उक्त वाहन ट्रैवल एजेंसी से हायर किया गया था, इसमें नगर निगम की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया की बोर्ड फंड में इतना बजट नहीं है कि नई गाड़ी खरीदी जा सके। कुल मिलाकर पूर्व मंत्री की मध्यस्थता में दोनों पक्षों के बीच जो भी गलतफहमी थी उसे दूर कर लिया गया।
पूर्व मंत्री ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मेरे द्वारा अवस्थापना निधि से 18 करोड़ रुपए ऋषिकेश के विकास में खर्च करने के लिए दिए गए थे,जिसपर आज मेयर और नगर आयुक्त से इस स्थिति के बारे में जानकारी ली गई,उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द जो पैसा निगम को दिया है उसको विकास के लिए खर्च करें।