राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने इन डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु मौजूदा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव जल्द ही राज्य कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग कैडर बनाने और उनकी वेतन वृद्धि के फैसले भी लिये गये. रावत ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर इन निर्णयों को शामिल करते हुए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्तमान में जो पद रिक्त हैं, उन पर तय वेतन पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जायेगी. राज्य स्वास्थ्य विभाग में आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण चिकित्सा अधिकारियों के कई पद रिक्त हैं। बैठक में उन सेवारत एमबीबीएस डॉक्टरों के विकल्प के रूप में विभाग में कुछ अस्थायी पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया, जो स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के लिए अध्ययन अवकाश पर हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मंत्री ने अधिकारियों को विभाग में तकनीशियनों के सभी पदों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया. रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी संवर्ग के 1300 पद रिक्त हैं और इन पदों के सापेक्ष कैबिनेट ने पूर्व में केवल 250 पद भरने की मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि विभाग को इन सभी 1300 तकनीशियनों की सेवाओं की आवश्यकता है और इसके लिए सभी पदों को पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप जिला अस्पतालों और जिला अस्पतालों में तकनीशियनों की कमी दूर हो सके।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों की कमी को दूर करने के प्रयास में, राज्य सरकार ने प्रोफेसर पद के लिए अधिकतम आयु सीमा मौजूदा 50 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का निर्णय लिया है। प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष ही रहेगी। रावत ने कहा कि इस फैसले से राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 156 रिक्त पदों पर प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा. बैठक में कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक और बर्न सर्जरी के सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों का वेतन बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य और निगरानी समिति के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, मुख्य सचिव एसएस संधू, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार और अतिरिक्त सचिव नमामि बंसल, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ आशुतोष सयाना और उपस्थित थे।