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देहरादून:उत्तराखण्ड सरकार ने समान नागरिक कानून को लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है, सीएम धामी ने घोषणा करते हुए समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्णय ले लिया है,अब गोवा के बाद उत्तराखंड इसे लागू करने वाला दूसरा राज्य होगा.
सरकार के द्वारा बनाई गई कमेटी की चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस रंजना देसाई को बनाया गया है,वहीं सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि की संस्कृति को सुरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है,अब जैसे ही कमेटी ड्राफ्ट तैयार करेगी उसके बाद प्रदेश में उसे लागू करेंगे, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मेरे द्वारा संकल्प लिया गया था और चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में सर्वसम्मति से फैसला भी लिया गया था कि हम उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाएंगे।
यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट की ड्राफ्टिंग कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रमोद कोहली को भी शामिल किया गया है, वहीं राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिन्हा मनु गौड़ और सुरेखा डंगवाल इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं मनु गौड़ सामाजिक कार्यकर्ता है तो सुरेखा डंगवाल दून यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं जबकि शत्रुघ्न सिंह आईएस रहे हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह,तलाक,विरासत ,गोद लेने आदि कानूनों में भी एक जैसी स्थिति प्रदान करता है, इसका पालन धर्म से परे सभी के लिए जरूरी होता है,दरअसल देश में यह कानून कुछ मामलों में लागू है लेकिन कुछ में नहीं है,जैसे भारतीय अनुबंध अधिनियम,नागरिक प्रक्रिया संहिता, माल विक्रय, संपत्ति हनन, भागीदारी, साक्ष्य अधिनियम आदि में यूनिफॉर्म सिविल कोड है,लेकिन विवाह तालाक और विरासत जैसी बातों में इसका निर्धारण पर्सनल लॉ या धार्मिक संहिता के आधार पर करने का प्रावधान है।