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ऋषिकेश:नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत गंगानगर और इंदिरा नगर के इलाके में लगातार आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले 4 सालों में दोनों क्षेत्रों के पार्षद नगर निगम में आवारा कुत्तों को पकड़ने की गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके आवारा कुत्तों को पकड़ने की दिशा में कोई कदम उठता दिखाई नहीं दे रहा है। नतीजा यह है कि दो दिनों में आधा दर्जन से अधिक स्कूली बच्चों और महिलाओं को कुत्तों ने काट खाया है। कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए गंगानगर के पार्षद ने नगर निगम को और इंदिरा नगर के निवासियों ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर कुत्तों को पकड़ने की मांग की है।
ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वैसे तो सड़कों पर आवारा पशुओं का आतंक कई सालों से बना हुआ है। लेकिन पिछले 4 सालों में कुत्तों का आतंक भी गली मोहल्लों में बढ़ गया है। मुख्य रूप से गंगानगर और इंदिरा नगर के इलाके में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों आवारा कुत्तों का झुंड स्कूल आने जाने वाले बच्चों के पीछे दौड़ते हुए देखा जा रहा है। जिससे लोग अपने बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने में भी डरने लगे हैं। जानकारी के अनुसार गंगानगर में चार और इंदिरा नगर में दो स्कूली बच्चों को कुत्तों के द्वारा काट खाए जाने का मामला सामने आया है। जिन्हें सरकारी अस्पताल में उपचार के बाद घर भेजा जा चुका है। गंगानगर की पार्षद उमा बृजपाल राणा ने बताया कि उन्होंने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग की है। बताया ज्ञापन की कॉपी शहरी विकास मंत्री और नगर निगम की मेयर को भी भेजी गई है।
वहीं इंदिरा नगर निवासी देवेंद्र कुमार ने बताया कि कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए जिला अधिकारी को पत्र भेजा गया है। बताया क्षेत्रीय पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट ने वर्ष 2017 में नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर कुत्तों से निजात दिलाने की मांग की थी। जबकि दूसरे क्षेत्र के पार्षद जगत सिंह नेगी ने भी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आवारा कुत्तों से निजात दिलाने की मांग की थी। बावजूद इसके आज तक कुत्तों को पकड़ने की दिशा में प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई होती हुई दिखाई नहीं दी है। जिसका खामियाजा स्कूली बच्चों और लोगों को भुगतना पड़ रहा है।