
देहरादून में सिटी बसों द्वारा उगलते जहरीले धुआं से अब लोगों को राहत मिलने वाली है। आने वाले कुछ ही महीनों में, डीजल सिटी बसें हटाई जाएंगी और उनके स्थान पर सीएनजी बसें शुरू की जाएंगी। इस कारण, देहरादून में सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (सीटीसी) की तरफ से तैयारी हो रही है, जो चेन्नई और जयपुर की तर्ज पर बनाई गई है। इस बदलाव के बाद, सीटीसी के माध्यम से सीएनजी बसें और स्मार्ट सिटी की ई-बसें शहर में संचालित की जाएंगी। इस नई परिवहन व्यवस्था की शुरुआत इन्वेस्टर्स समिट के बाद की जाएगी।
सीएस डॉ. एसएस संधू लंबे समय से सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (सीटीसी) के गठन की पैरोकारी कर रहे हैं। वह सार्वजनिक परिवहन सेवा में सुधार के लिए होने वाली यूनीफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक में लगातार सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का गठन कर शहरी क्षेत्र के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इसके जरिए संचालित करने की बात कर रहे हैं। परिवहन विभाग के अनुसार इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद इसका गठन किया जाएगा।
महंगी पड़ने के कारण इलेक्ट्रिक बसों को नकारा
शहर में इलेक्ट्रिक और सीएनजी दोनों बसों के विकल्पों पर मंथन किया गया। स्मार्ट सिटी ने भी 100 ई बसों को खरीदने के लिए सर्वे कराया। लेकिन ई बस महंगी पड़ने के कारण इस पर सहमति नहीं बनी। दरअसल पुरानी डीजल बसों को हटाकर उन संचालकों को ही यह बसें सब्सिडी देकर दिलाई जाएंगी। सिटी बस संचालक भी सवा करोड़ की इलेक्ट्रिक बस खरीदने पर एकराय नहीं हैं।
सब्सिडी दे सरकार, हम तैयार
सिटी बस यूनियन के विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि वह लोग सीएनजी बस खरीदने के लिए तैयार हैं। उन लोगों ने बस खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाए। कहा कि 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल जाती है तो उनके लिए काफी आसानी हो जाएगी।
बसें तो आ जाएंगी, बस स्टॉपेज तो बनाइए
शहर के लिए सिर्फ डीजल बसों को बाहर करना ही चुनौती नहीं है बल्कि नए बस स्टॉपेज बनाना भी चुनौती है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू सिटी बसों के लिए 90 नए बस स्टाॅप चिन्हित कर इन पर बसों का स्टाॅपेज शुरू कराने के निर्देश दे चुके हैं। लेकिन अब तक यह स्टाॅपेज तय नहीं हो सके हैं।
जरूरी है कंट्रोल रूम
देहरादून में सिटी बसों के 319 परमिट हैं। इनमें 160 बसें चल रही हैं। बाकी ने परमिट सरेंडर किए हुए हैं। लेकिन सीएनजी बस चलाने पर यह परमिट नवीनीकरण हो सकते हैं। ये सभी बसें चलने पर उनके नियंत्रण के लिए कंट्रोल रूम जरूरी होगा। सीएस कई बार कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश भी दे चुके हैं। अभी यह प्रोसेस में है।
डीजल बसों को बाहर कर सीएनजी बसों के संचालन के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, यही अंतिम चरण में है। जल्द ही सिर्फ सीएनजी बसों का संचालन शहर में किया जाएगा।– सुनील शर्मा,आरटीओ