Nitya Samachar UK
ऋषिकेश: ऋषिकेश के एक गंभीर मामले की सुनवाई करते हुए पॉक्सो कोर्ट ने बेटी के द्वारा पिता पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप से पिता को बरी कर दिया है, सबूतों के अभाव और बयानों में विरोधाभास के चलते कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।यह मामला ऋषिकेश कोतवाली में 2020 को दर्ज हुआ था।
ऋषिकेश कोतवाली में एक बेटी ने अपने दोस्त को बचाने और चोरी-छिपे शादी भी कर चुकी है, उसी के लिए अपने पिता पर रेप का आरोप लगाया था, इस मामले में पुलिस ने साल 2020 में लड़की की तहरी पर उसके पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और इस मामले का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था, करीब 2 साल तक देहरादून कोर्ट विशेष न्यायाधीश मीना देउबा की अदालत में चला, कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के अनुसार पूरे मामले में 7 गवाह पेश किए गए इसके विपक्ष के दलील को भी कोर्ट ने प्रमुखता से सुना,
वही कोर्ट प्रक्रिया के दौरान इस मामले में आरोप लगाने वाली बेटी के बयानों में कई तरह के विरोधाभासी बातें सामने आई, इस केस में यह भी सामने आया कि कोर्ट ट्रायल के दौरान लड़की ने अपने दोस्त से चोरी छिपे शादी भी कर ली थी,लड़की ने जिस युवक से शादी की है उस पर लड़की के पिता ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था,इसके बाबजूद भी लड़की शादी के बाद उसी के साथ रह रही है,
यह पूरा मामला जुलाई 2020 का है, ऋषिकेश कोतवाली में एक व्यक्ति ने तहरीर दी थी जिसमें व्यक्ति ने कहा था कि दो युवकों ने नशीला पदार्थ खिलाकर उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था, पुलिस ने जब पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया तो वह अपने बयानों से पलट गई और कहा कि जिन दो युवकों पर उसके साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है उसमें से एक उसका दोस्त और दूसरा प्रेमी है साथ ही लड़की ने प्रेमी से शादी करने की इच्छा भी कोर्ट के सामने जताई थी, इस मामले में हैरान करने वाली बात तब आया जब पीड़िता ने अपने बयान में यह कहा कि उसका रेप उसके दोस्तों ने नहीं बल्कि खुद उसके पिता ने किया है,पीड़िता ने बयानों मे कहा कि उसका पिता कई महीनों से उसके साथ गलत काम कर रहा है, लड़की ने कोर्ट में यहां तक कहा कि उसके पिता उसके दोनों दोस्तों से नफरत करते हैं और उसे फंसाने के लिए उसके पिता ने दोनों युवकों पर आरोप लगाया है,पिता के इन बयानों के आधार पर पुलिस ने पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी,
पिछले 2 साल से पूरे केस का ट्रायल देहरादून में चल रहा था,दोनों पक्षों की बहस और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने माना कि आरोप लगाने वाली बेटी के बयानों में विरोधाभास है, लड़की अपने प्रेमी के साथ शादी करना चाहती थी इसी के चलते उसने अपने पिता के खिलाफ आरोप लगाए, कोर्ट ने सबूतों और बयानों को देखते हुए पिता को संदेश लाभ देते हुए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है.