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ऋषिकेश:कोविड काल के दौरान लाइम ब्लीचिंग और मेलाथियान पाउडर खरीद के नाम पर नगर निगम में बड़ा घोटाला करने का मामला सामने आया है। नगर निगम ने 26 लाख का माल 1 करोड़ 2 लाख 61 हजार का खरीदा है। ऑडिट के दौरान यह भ्रष्टाचार पकड़ में आया है। पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने मामले से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए दोषी के खिलाफ सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। चेतावनी भी दी है यदि सरकार ने मामले में एक्शन नहीं लिया तो वह कोर्ट जाने के लिए मजबूर होंगे।
शनिवार को पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने नगर निगम ऋषिकेश पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाते हुए प्रेस वार्ता की। इस दौरान दीप शर्मा ने कहा कि वह नगर निगम में पहले भ्रष्टाचार का मामला लेकर मीडिया के सामने आए हैं। यह भ्रष्टाचार किसी मनगढ़ंत आरोप के आधार पर नहीं बल्कि नगर निगम में किए गए ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर उजागर हुआ है। दीप शर्मा ने प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि कोविड-19 के दौरान नगर निगम ने 2345 कुंतल लाइम ब्लीचिंग और मेलाथियान पाउडर को खरीदा। यह खरीद शासन के नियमों को ताक पर रखकर की गई। ई मार्किट प्लेस के जेम पोर्टल से इस माल की खरीदारी 26 लाख रुपए में होनी थी, जबकि नगर निगम ने यह माल कोटेशन के आधार पर एक फर्म से 102.61 लाख रुपए में खरीदा गया। यही नहीं इस माल को खरीदने के लिए बोर्ड बैठक में स्वीकृति भी नहीं ली गई। मामले में प्रधान महालेखाकार आईएएस परविंद्र यादव ने शासन को पत्र भी भेजा। जिसका संज्ञान लेकर शहरी विकास मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव आईएएस आनंद वर्धन ने नगर आयुक्त को तीन दिन के भीतर आख्या दाखिल करने के लिए निर्देशित किया। नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि मांग के अनुसार समान खरीदा गया है। कोविड-19 के कारण सक्षम प्राधिकारी के आदेश के अनुसार बहुत अधिक दरों पर खरीद की गई थी।
दीप शर्मा ने दावा किया कि नगर आयुक्त के इस जवाब को शासन ने तर्कसंगत नहीं माना है। इसलिए मामले में भ्रष्टाचार करने वाले दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए। यदि सरकार ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वह कोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे।