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ऋषिकेश:ऋषिकेश एम्स के निकट न्यू साई मेडिकल स्टोर का संचालक औषधि नियंत्रण विभाग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहा है। शिकायत के बाद अधिकारियों ने मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर नियमों का उल्लंघन होना पाया। जिसके बाद मेडिकल स्टोर को अग्रिम आदेश तक के लिए बंद करा दिया। फिर भी मेडिकल स्टोर संचालक बैक डोर से दवाइयां बेचता हुआ कुछ घंटों बाद ही पकड़ा गया। ड्रग इंस्पेक्टर ने फटकार लगाने के बाद मेडिकल स्टोर में ताले लगाकर चाबियां जमा कर ली है।
ऋषिकेश एम्स के निकट न्यू साईं मेडिकल स्टोर का संचालक मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। संचालक ने एक तो मेडिकल स्टोर पर कोई फार्मेसिस्ट नहीं रखा है, ऊपर से दवाइयों की ओवर रेटिंग भी कर रहा है। यही नहीं दवाइयों का स्टॉक मेंटेन भी नहीं रखा है। इसकी सीएम पोर्टल पर शिकायत होने के बाद औषधीय नियंत्रण विभाग ने न्यू साई मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर शिकायत को सही पाया। जिसके बाद अधिकारियों ने मेडिकल स्टोर पर तालाबंदी कर संचालक को अग्रिम आदेश तक दुकान बंद रखने के लिखित आदेश दिए। बावजूद इसके न्यू साई मेडिकल स्टोर के संचालक ने शटर बंद करके बैक डोर से दवाइयों की बिक्री करनी शुरू कर दी। मामला फिर संज्ञान में आने पर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती मौके पर आई। शटर बंद होने के बावजूद दवाइयों की बिक्री को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर ने मौके पर पुलिस को बुला लिया। ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर संचालक को जमकर फटकार लगाई। जिससे भड़क कर संचालक ड्रग इंस्पेक्टर के साथ बहस बाजी करता हुआ नजर आया। ड्रग इंस्पेक्टर अनीत भारती ने बताया कि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। फिलहाल दुकान पर फिर से ताला लगा दिया गया है। जिसकी चाबी जमा कर ली गई है। संचालक का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है।
विवादों से है पुराना नाता
ज्ञात हो कि न्यू साई मेडिकल स्टोर पर अनियमितता का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी कई बार इस प्रकार की अनियमितताओं के मामले में मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई हो चुकी है। मगर कुछ दिनों तक मेडिकल बंद होने के बाद फिर से खुल जाता है और अनियमितताओं का धंधा फिर बेरोकटोक चलने लगता है। बताया जा रहा है कि मेडिकल स्टोर संचालक की राजनीतिक रसूख में अच्छी पकड़ है। जिसकी वजह से वह अपने मेडिकल स्टोर को अनियमितताओं के साथ संचालित कर रहा है। लगातार विवादों में रहने के बाद भी संचालक का लाइसेंस अभी तक कैंसिल नहीं हुआ है। जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में ड्रग इंस्पेक्टर अनीत भारती ने बताया कि अधिकारी ड्रग विभाग के कानून के तहत बंधे हुए हैं। नियम अनुसार ही कार्रवाई की जाती है। यदि कोई नियमों के उल्लंघन पर पकड़ा जाता है और फिर वह कानूनन नियम अनुसार काम करता है तो उसे मेडिकल संचालित करने की अनुमति दी जाती है।