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ऋषिकेश: प्रशान्तअद्वैत संस्था के संस्थापक एवम पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशान्त ने देहरादून मार्ग पर स्थित होटल होली विवासा में आयोजित काल अर्थात समय की व्याख्या करते हुए कहा कि समय दुनिया की सबसे मूल्यवान और कीमती चीज है। मैं हूँ और दुनिया है, इससे द्वैत बनता है, इससे समय की निर्मित्ति होती है अहम को लगता है कि उसके दो टुकड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए अहम और प्रकृति में एक संबंध बनता है अपूर्ण से पूर्ण होने की कोशिश में। उन्होंने बताया कि हम जिससे रिश्ता बनाते हैं, उसको भी बदल देते हैं।अपूर्ण का अपने प्रति असंतोष समय है। समय चलता रहता है क्योंकि हम लगातार बने रहते हैं। संबंध सही है तो आदान-प्रदान ज्ञान में होगा।
जबतक आकर्षण कम नहीं होगा, तबतक रिश्ता अच्छा नहीं होगा।
आचार्य प्रशान्त ने कहा कि प्यास मेरी हर कोशिका में है। प्रकृति बदलते है नियम के हिसाब से और अहंकार बदलता है नीयत के हिसाब से।”विज्ञान को काम है प्रकृति में जो कुछ चल रहा है वो खोलकर रख देना।
जबकि प्रकृति अपने नियमों पर चलती है।
उन्होंने समझाया “अध्यात्म का उद्देश्य मानसिक समय को समाप्ति।”सरल होने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती है सत्य-द्रोह सत्य से द्रोह करना है
अद्वैत से द्वैत का निर्माण, ही पहली बेवफाई है।
आप हैं तो वर्तमान नहीं हो सकता ।
उन्होंने कहा कि नियत का साफ होना ही वर्तमान में स्थित होता है। खुबसूरत जहाँ अहम नहीं है, वहाँ सौंदर्य है।दृष्टा निर्विकार है तो पूरी प्रकृति सुंदर है। हमेशा दृष्टा में ही होता है ।सौंदर्य वहाँ खोजिए जहाँ साधुता है उन्होंने कहा कि समय का बहुत महत्व है और इसका गहरा अर्थ है। इसलिए सफल जीवन के लिए समय के महत्व को समझना जरूरी है। समय प्रबंधन हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
काल अर्थात समय की व्याख्या करते उन्होंने कहा कि समय दुनिया की सबसे मूल्यवान और कीमती चीज है। इससे हमें और समाज को बेहतर कल की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हमें अपने बच्चों को समय के महत्व और मूल्य को सिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए हमें कुछ बिंदुओं पर विचार करना चाहिए जो हमारे पूरे जीवन में हमारी मदद करेंगे। इस उपयोग में लक्ष्य निर्धारित करना, कार्य सूची तैयार करना, कार्य को प्राथमिकता देना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में, यह एक उबाऊ कार्य की तरह महसूस होगा लेकिन जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे तब आपको महसूस होगा कि यह केवल आपकी ऊर्जा बढ़ाने में आपकी मदद करता है। अंततः, यह आपको जीवन में अधिक हासिल करने के लिए मजबूर करेगा। आचार्य प्रशान्त ने कहा कि कार्य को प्राथमिकता देना समय के प्रबंधन का एक बहुत प्रभावी तरीका है। साथ ही, इसकी वजह से, आप विभिन्न कार्य और नौकरियों के महत्व को जान पाएंगे इसलिए, यह आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकांश लोगों को तब तक यह समझ नहीं आता है कि जब तक उन्होंने इसे खो नहीं दिया कि समय कितना मूल्यवान है। इसके अलावा, दुनिया में ऐसे लोग हैं जो समय के साथ पैसे को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उनके अनुसार, समय कुछ भी नहीं है। लेकिन, उन्हें इस तथ्य का एहसास नहीं है कि यह समय है जिसने उन्हें पैसा कमाने का अवसर दिया है। इसके अलावा, समय ने हमें समृद्धि और खुशी दी है और इसके विपरीत, इसने हमें दुःख और शोक भी दिए हैं। लेकिन, वे भूल जाते हैं कि उनके पास सीमित समय है। दुनिया में समय ही एकमात्र ऐसी चीज है जो असीम है। हम कह सकते हैं कि समय ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है। इसके अलावा, एक कहावत है कि “यदि आप समय बर्बाद करते हैं, तो समय आपको बर्बाद करेगा।” केवल यह रेखा यह बताने के लिए पर्याप्त है कि समय कितना महत्वपूर्ण और मूल्यवान है।