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ऋषिकेश:राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर महिला मोर्चा की ओर से विचार गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर वोकल फ़ॉर लोकल को लेकर जन जागरूकता रैली भी निकाली गई साथ ही महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान ढालवाला पहुंचकर हाथ से निर्मित वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
जिला कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में खादी के उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और खादी के कपड़ों की बिक्री भी पांच गुना बढ़ गई है।
शाह ने कहा कि एक समय था जब खादी पहनने वाले लोगों को हीन भावना से देखा जाता था। 2014 से प्रधानमंत्री मोदी की सरकार इस स्थिति और सोच को बदलने में जुटी है। उन्होंने कहा कि पीएम के आवाहन पर आज देश-विदेश में खादी के कपड़ों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पीएम के वोकल फॉर लोकल की भावना के साथ देशवासी स्वदेशी उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं, ये एक जनआंदोलन बन गया है। हमारे परिधान, हमारा पहनावा हमारी पहचान से जुड़ा रहा है। देश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी साथियों से लेकर बर्फ से ढके पहाड़ों तक, मरुस्थल से लेकर समुद्री विस्तार और भारत के मैदानों तक, परिधानों का एक खूबसूरत इंद्रधनुष हमारे पास है।
महिला मोर्चा के प्रभारी मनोज ध्यानी ने कहा कि हथकरघा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा यह दिन बुनकर समुदाय को सम्मानित करने और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान को सराहने के मकसद से भी हथकरघा दिवस मनाया जाता है। यह बहुत जरूरी है कि हथकरघा से बनी चीजें देश- विदेश के कोने-कोने तक पहुंचे। इससे भारत को अलग पहचान तो मिलेगी ही साथ ही बुनकर समुदायों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा, जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह, पूर्व ब्लाक प्रमुख नगीना रानी, जिला प्रभारी महिला मोर्चा मनोज ध्यानी, मंडल महामंत्री नितिन सक्सेना, जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्मा, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष निर्मला उनियाल, सोनी रावत, समा पवार, जिला उपाध्यक्ष आशा सेमवाल, रोमा सहगल, जिला सोशल मीडिया प्रभारी भावना किशोर गौड़, जिला मंत्री मंजू नेगी, मंडल महामंत्री महिला मोर्चा निवेदिता सरकार, गुड्डी कालूड़ा, भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान के पीआरओ एनपी कुकशाल आदि उपस्थित रहे।