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ऋषिकेश:सीबीआई ने एम्स, ऋषिकेश के तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसरों और अन्य के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए; निजी कंपनियां; निजी व्यक्ति, और 24 स्थानों पर खोज कर रहे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं जिनमें तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी, एम्स के तत्कालीन लेखा अधिकारी, ऋषिकेश (उत्तराखंड), नई दिल्ली स्थित निजी फर्म के मालिक शामिल हैं; निजी व्यक्ति; रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद और एम्स, ऋषिकेश के अंदर एक केमिस्ट शॉप स्थापित करने के लिए निविदाएं देने में कदाचार के आरोप में दिल्ली स्थित निजी फर्म और अज्ञात अन्य।
यह आगे आरोप लगाया गया कि आरोपी लोक सेवकों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन किया, फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की बेईमानी से जांच की और उन महत्वहीन फर्मों को अनुमति दी जिन्होंने अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने इन निविदाओं में कार्टेल गठन के अस्तित्व को जानबूझकर नजरअंदाज किया। इसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर अपराध के महत्वपूर्ण सबूतों को गायब कर दिया। रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ रुपये (लगभग) और केमिस्ट शॉप की स्थापना के लिए टेंडर के पुरस्कार में 2 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान एम्स को हुआ।
दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।जांच जारी है।