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ऋषिकेश:यूपीसीएल के ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड में एक महिला कर्मचारी ने 17 लाख रुपए के गबन डकार लिए, मामले का पता चलते ही अधिशासी अभियंता ने अपने स्तर से जांच समिति बनाकर आरोपी महिला कर्मी से रिकवरी करने के बाद उसको नौकरी से निकाल दिया,इस पूरे मामले में यूपीसीएल मुख्यालय ने स्पेशल ऑडिट के आदेश दिए हैं।
ऋषिकेश के विद्युत वितरण खंड में एक महिला कर्मचारी लगातार अस्थाई बिजली कनेक्शन के उपभोक्ताओं के पैसे लौटाने के बजाए वह पैसे अपने खाते में जमा कराती रही सिक्योरिटी के तौर पर लिए जा रहे हैं पैसे यूपीसीएल के खाते में जमा कर वह निजी खाते में जमा करा रही थी वहीं उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी ना होने पर वह अब तक उपभोक्ताओं के 17 लाख रुपए डकार चुकी है, वही अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद का कहना है कि आरोपी महिला से 19 लाख की रिकवरी करा कर उसको नौकरी से निकाल दिया है। मजे की बात तो यह है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी विद्युत वितरण खंड ऋषिकेश कार्यालय से ऊपर के अधिकारियों तक पहुंची ही नहीं।
महिला कर्मचारी पर कार्रवाई से क्यों कतरा रहा ऊर्जा निगम
ऊर्जा निगम की ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड कार्यालय में एक महिला कर्मचारी ने 17 लाख रूपये का गबन किया। मामला उजागर होने पर जांच बैठी, तो महिला ने 19 लाख रूपये जमा भी करा दिए। इसबीच महिला को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, लेकिन अभीतक गबन की आरोपी महिला पर विभाग ने महज नौकरी से हटाने के सिवाय कोई कार्रवाई नहीं की है।
गबन के मामले में क्यों नहीं कराई एफआईआर?क्या विभाग के और लोग हैं शामिल?
अमूमन देखा गया है कि जब भी किसी विभाग में गबन या घोटाला होता है तो तत्काल आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है,लेकिन,ऋषिकेश के विद्युत वितरण खंड में महिला के द्वारा 17 लख रुपए का गबन कर दिया जाता है और उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई जाती है, ऐसे में विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, क्या इस गबन के मामले में विभाग के कुछ और भी अधिकारी शामिल तो नहीं?हालांकि अब स्पेशल ऑडिट में क्या सामने आता है यह देखना भी दिलचस्प होगा।
जांच के 11 दिन पूरे लेकिन रिपोर्ट को लेकर चुप्पी!
अधिशासी अभियंता स्तर पर गठित जांच समिति की पड़ताल 11 दिन पहले खत्म हो चुकी है। समिति जांच रिपोर्ट भी सौंप चुकी है, मगर अभी कुछ रिपोर्ट बाकी होने का दावा खंड कार्यालय ने किया है। इस प्रकरण में पहले महिला कर्मचारी के गबन करने और फिर एकाएक रकम जाम करने से स्थानीय अधिकारियों की भूमिका भी सवालों में है। बताया जा रहा है कि महिला कर्मचारी कई अरसे से अस्थायी बिजली कनेक्शन की सिक्योरिटी धनराशि उपभोक्ताओं को वापस करने की बजाय खुद के खातों में जमा करा रही थी। जानकारी के अभाव में वह अभीतक करीब 17 लाख रूपये का गबन कर चुकी है।
हैरानी की बात यह है कि गबन से जुड़े इस मामले में जांच रिपोर्ट मिलने के बावजूद संबंधित महिला पर सख्त कार्रवाई होती नजर नहीं आई है, जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिशासी अभियंता ने गबन की बात को स्वीकार
अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद ने बताया कि गबन का यह मामला पूरी तरह से सही है। महिला कर्मचारी की उपनल से खंड कार्यालय में तैनाती हुई है। जांच रिपोर्ट आठ अगस्त को मिल चुकी है, मगर अभी जांच की कुछ रिपोर्ट आनी बाकी है। उनमें तथ्य उजागर होने के साथ नियमानुसार कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।