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रिपोर्ट- दीपक नारंग
ऋषिकेश:दिल में छेद होने की वजह से एम्स ऋषिकेश में भर्ती एक साल की मासूम कनिका को अचानक चार यूनिट रक्त की जरूरत पड़ गई। खून का बी नेगेटिव ग्रुप नहीं मिलने की वजह से परिजनों के सामने मासूम को बचाने की दिक्कत खड़ी हो गई। मामला संज्ञान में आने के बाद रानीपोखरी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल दिनेश दिलवाल ने सबसे पहले एम्स पहुंच मासूम को खून देकर उसकी जान बचा ली।
दरअसल रुड़की निवासी एक वर्षीय कनिका गांधी नाम की एक मासूम दिल मे छेद होने की वजह से इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती है। शुक्रवार को अचानक मासूम की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने मासूम के पिता मनीष गांधी से खून के बी नेगेटिव ग्रुप की डिमांड की। वह भी एक दो नहीं बल्कि चार यूनिट जल्द से जल्द एकत्रित करने के लिए कहा। ब्लड बैंक में बी नेगेटिव ग्रुप नहीं मिलने की वजह से परिजनों के सामने मासूम की जान बचाने की समस्या खड़ी हो गई। सूचना किसी प्रकार से पुलिस के पास पहुंची, तो रानीपोखरी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल दिनेश दिलवाल तत्काल मासूम की मदद के लिए एम्स पहुंचे। उन्होंने अपने खून की एक यूनिट देकर मासूम की जान बचा ली। इस दौरान तीन अन्य मददगारों ने भी इसी प्रकार बी नेगेटिव खून देकर मासूम की जान बचाने में अपना सहयोग दिया।
रानीपोखरी थानाध्यक्ष शिशुपाल सिंह राणा ने मासूम की जान बचाने पर कॉन्स्टेबल दिनेश दिलवाल की पीठ थपथपाई है। मौके पर सब इंस्पेक्टर रघुवीर सिंह कपरूवान भी उपस्थित रहे।