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ऋषिकेश:सोमेश्वर महादेव मंदिर में हो रही कथा में संत लक्ष्मी नारायण ने बताया कि जीवन में डॉक्टर बनना सरल है, इंजीनियर बनना सरल है, कलेक्टर बनना सरल है,राजनेता बनना सरल है, कथाकार बनना सरल है, कलाकार बनना सरल है, परंतु जीवन में सरल बनना ही सबसे अधिक कठिन है,श्री राम की कथा मनुष्य को जीवन में सरल और सहज बनाना सिखाती है कथा में श्रवण कराया जीवन में जब तक निरंतरता ना हो जब तक जीवन में सफलता प्राप्त नहीं होती इसलिए निरंतरता चाहे कार्य की हो सत्कर्म कि वह पूर्ण करने की हो या सत्संग की हो जब तक जीवन में जीवन में निरंतरता रहती है, तभी पुण्य कार्य में सफलता मिलती है, जैसे रोग होने पर निरंतर अगर औषधि ली जाती है तो रोग कुछ ही समय में दूर हो जाता है और अगर औषधि लेना बंद कर दे तो दोबारा वह रोग हो जाता है, इसलिए जीवन में निरंतरता एवं संतुलन अति आवश्यक है, जिस प्रकार दुकान पर सामान खरीदने जाते हैं दुकानदार अपनी तराजू में संतुलन बनाकर के समान देता है उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में जितना अर्थ है जरूरी है उतना ही परमार्थ ही जरूरी है इसलिए अर्थ को कमाने के साथ-साथ जीवन में मनुष्य को प्रमाण की भी कमाई करनी चाहिए,रामकथा के अद्भुत प्रसंगों को श्रवण कराया और आज बड़ी धूमधाम से कथा में श्री राम जन्म उत्सव मनाया,कल कथा का चतुर्थ दिवस है जिसमें राम की बाल लीलाओं कथा श्रवण कराई जाएगी।