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ऋषिकेश।सिंचाई विभाग ने शारदापीठ घाट के निर्माण के लिए विस्थापित क्षेत्र में गंगा की जलधारा को जेसीबी से मोड़ दिया है, लेकिन इस अस्थायी जलधारा में नहाने के लिए पहुंचने वाले लोगों की रोकथाम को कोई इंतजाम नहीं किया है, जिसका नतीजा यह हुआ कि नेपाली मूल की नौवीं की दो छात्राओं की इस जलधारा में डूबकर मौत हो गई।
आईडीपीएल चौकी क्षेत्र में बीते शुक्रवार की इस घटना को लेकर अब सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, विभागीय अधिकारियों की दलील है कि उन्होंने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। बावजूद, लोग इसे नजरअंदाज कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। चौकी प्रभारी विनय शर्मा ने भी घटनास्थल निर्माणाधीन घाट के पास ही होने की पुष्टि की है। इस मामले में हैरानी की बात यह है कि निर्माणाधीन स्थल पर आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित करने के लिए अन्य कदम क्यों नहीं उठाए गए हैं, जिसका जवाब फिलहाल विभागीय अधिकारियों पर नहीं है।
सिंचाई विभाग के एसडीओ सुरेंद्र सिंह श्रीकोटी ने बताया कि निर्माणाधीन स्थल पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, जिनकी संख्या को अब बढ़ाया जा रहा है। घाट के निर्माण में गंगाजल से व्यवधान न हो, इसके लिए जलधारा को अस्थायी तौर पर डायवर्ट किया गया है। लोगों को यहां स्नान करने से मना भी किया जाता रहा है।
बच सकती थी दोनों बच्चियों की जान
ऋषिकेश पशु लोक विस्थापित क्षेत्र के पास शारदा घाट का निर्माण किया जा रहा है लेकिन वहां पर किसी भी तरह का सुरक्षा इंतजाम नहीं था,यही कारण है कि अस्थाई जलधारा में डूबने से दो बच्चियों की मौत हो गई, अब इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी बनती है इसको लेकर निश्चित तौर पर पुलिस भी जांच करेगी!अब देखना यह होगा कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर क्या कार्रवाई होती है.