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ऋषिकेश।प्राचीन वीरभद्र मंदिर के निकट स्वामी सत्यानन्द गिरी सन्यास आश्रम ट्रस्ट और माई कालिकानंद गिरी की लीज समाप्त हो गई है। लीज खत्म होने के बावजूद भी कुछ बाबाओं ने वन भूमि पर कब्जा किए हुए हैं,अब वन विभाग भूमि को कब्जा मुक्त कराने लिए कार्यवाही में जुट गया है,वन विभाग की टीम कल दोपहर मौके पर पहुंचकर भूमि का सर्वे करेगी।
गौरतलब है कि 27 अप्रैल 1921 में वन विभाग ने स्वामी सत्यानन्द गिरी और माई कालिकानंद गिरी को 99 साल के लिए अपनी 2.20 हेक्टर (26 बीघा) भूमि लीज पर दी थी जिसको लीज 2020 में समाप्त हो गई है। वन विभाग की इस भूमि पर वर्तमान में स्वामी सत्यानन्द गिरी सन्यास आश्रम ट्रस्ट खड़ा हो गया है। लीज खत्म होने पर वन विभाग अपनी वनभूमि को कब्जा मुक्त कराने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कब्जेदारों द्वारा भूमि को खाली नहीं किया जा रहा है।
कब्जेधारी बाबा ने वन कर्मियों को दी धमकी
कब्जेदार और वन विभाग आमने-सामने आ गये हैं। इतना ही नहीं कब्जा करने की नियत से कुछ बाबा वन विभाग को डराने-धमकाने का काम भी कर रहे हैं। एक बाबा ने तो वनकर्मियों को देख लेने तक की धमकी दे डाली। जिसके बाद वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश रेंज गंभीर सिंह चमांदा ने डीएफओ नीरज शर्मा को मामले से अवगत कराया है।
गंभीर सिंह धमान्दा, वन रेंज अधिकारी ऋषिकेश
पूर्व में वन विभाग ने वीरपुर खुर्द से अतिक्रमण हटाया था
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक जन सुनवाई के बाद ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे 35 बीघा आरक्षित वन भूमि पर परमार्थ निकेतन के ओर से किए गए अतिक्रमण को हटाया था। एक जनिहत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राजस्व और वन सचिव, डीएफओ हरिद्वार सहित संबंधित विभागों को ये आदेश दिए थे। ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में परमार्थ निकेतन ने गंगा नदी के किनारे आरक्षित वन क्षेत्र की करीब 35 बीघा जमीन पर आश्रम बनाया था। तब हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राजस्व और वन सचिव, डीएफओ हरिद्वार सहित संबंधित विभागों को आदेश दिए हैं कि वे वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को खाली कराएं। जिसके बाद वन विभाग ने अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा दिया था।
बाबाओं से वनकर्मियों को जान का खतरा
सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने की कोशिश कर रहे वनकर्मियों अब इन तथा-कथित बाबाओं से जान का खतरा पैदा हो गया है। कुछ बाबाओं ने सरकारी भूमि खाली कराने को लेकर वन चौकी का घेराव भी किया। साथ ही मीरा बेन कुटिया वन भूमि पर कर्मियों को न आने की भी चेतावनी दी गई है। वन विभाग ने अपने कर्मीयों की सुरक्षा के लिए एसएसपी को पत्र भी भेजा है। साथ ही डीएफओ की ओर से भी सीओ ऋषिकेश सहित कोतवाली को भी सुरक्षा संबंधी पत्र भेजा गया है।