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ऋषिकेश:नगर निगम ऋषिकेश के हीरालाल मार्ग स्थित डंपिंग ग्राउंड में आग लगने का सिलसिला थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। आए दिन आग लगने की घटना से कचरे से उठने वाला धुआं लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। वहीं दमकल विभाग के लिए भी आग बुझाना बिना सहयोग के टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। विपक्ष भी इस कचरे के ढेर और उसमें लगने वाली आग को मुद्दा बनाकर भुनाने की पूरी कोशिश में लगा है।
दरअसल शनिवार की सुबह नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड में आग लगने की वजह से लोगों ने तेजी से धुंआ उठते हुए देखा। आग लगने की जानकारी तत्काल दमकल विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की दो गाड़ियां आग बुझाने के लिए डंपिंग ग्राउंड में पहुंची। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि आग धीरे-धीरे झुग्गी झोपड़ियों की ओर बढ़ रही है। जिन्हें सुरक्षित करने के लिए दमकल विभाग ने तत्काल पानी की बौछार डालकर आग को बुझाने का प्रयास किया। दोपहर तक दमकल विभाग की 5 गाड़ियां आग को बुझाने का प्रयास करती रही मगर प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने की वजह से आग पर पूरी तरीके से काबू नहीं पाया गया। हालांकि झुग्गी झोपड़ियों को आग से बचाने में जरूर दमकल विभाग ने सफलता हासिल की। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी ने बताया कि कचरे की आग को पूर्ण रूप से बुझा पाना संभव नहीं होता है। यह तभी संभव है जब किसी जेसीबी से कचरे को बार-बार पलटा जाए और पानी कचरे के अंदर तक जाकर आग को बुझाने का काम करें। मगर डंपिंग ग्राउंड में पहुंचे विभागीय कर्मचारियों ने कोई सहयोग नहीं दिया है।
मौके पर कांग्रेस नेता दीपक जाटव भी पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि कचरे के पहाड़ अब राजनीति के लिए यूज हो रहे हैं। दो माननीयों की लड़ाई में जनता कचरे के पहाड़ से उठने वाली दुर्गंध और जहरीले धुएं को झेलने के लिए मजबूर है। कई लोग फेफड़े की बीमारी से भी ग्रस्त हो चुके हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि कई बार धरना प्रदर्शन आंदोलन के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस नेता ने जल्द से जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर के प्रथम नागरिक और मंत्री से कार्रवाई की मांग की है।