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ऋषिकेश। विस्थापित क्षेत्र पशुलोक में बिल्डर बेखौफ उच्च न्यायालय के आदेश के धज्जियां उड़ाते हुए बहुमंजिला इमारतों के निर्माण जुटे हैं। प्रशासन एक्शन बजाय चुप्पी साधे हुए है, जिसपर स्थानीय लोगों का पारा चढ़ गया है। उन्होंने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए एसडीएम से निर्माणाधीन इमारतों के निर्माण को तत्काल रोकने की मांग की है। इस बाबत उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें न्यायालय के आदेश का जिक्र किया गया है।
विस्थापित जन कल्याण समिति के मुताबिक इमारतों के निर्माण से स्थानीय लोगों को न सिर्फ जानमाल का खतरा है, बल्कि दबंग बिल्डर्स ने सीवरेज के लिए बिछाई लाईन और कृषि भूमि की सिंचाई के लिए बनी नहरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। आरोप है कि आपत्ति जताने और हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देने पर बिल्डर गाली-गलौच के साथ धमकी तक देने में लगे हैं।
बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रहे बिल्डरों ने कुछ नेताओं के साथ सांठगांठ कर धड़ल्ले से अवैध भवनों का निर्माण कर रहे हैं, बिल्डर न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं, वहीं प्रशासन की बात करें तो स्थानीय प्रशासन न्यायालय के आदेशों का पालन कराने में नाकाम साबित हो रहा है,लोगों का यह भी आरोप है कि संबंधित विभाग के अधिकारी इस और ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।
एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में समिति से जुड़े सदस्यों और स्थानीय लोगों ने इस तरह के तमाम निर्माणों को तत्काल रोकने की मांग की है। उन्होंने संबंधित लोगों पर जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है। ज्ञापन सौंपने वालों में बलवीर सिंह रावत, हरी सिंह भंडारी, प्रताप सिंह राणा, जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, प्रेमा जोशी, जगमोहन सिंह नेगी, हरि शंकर उनियाल, मुकेश नेगी, दीपा राणा आदि शामिल हैं।