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ऋषिकेश:पिछले कुछ दिनों से परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों के निशाने पर हैं। मामला समुदाय विशेष के लोगों से जुड़ा होने की वजह से सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा रहा है।
बता दें कि परमार्थ निकेतन में कुछ मुश्लिम धर्मगुरु अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। उस दौरान आपसी भाईचारे के नाम पर समुदाय विशेष के धर्मगुरु अपनी प्रथा के अनुसार इबादत करते हुए दिखाई दिए। जिसकी फोटो भी स्वामी चिदानंद मुनि महाराज के साथ सोशल मीडिया पर वायरल की हुई थी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई इन फोटो को देख हिंदू संगठनों में हलचल मच गई। हिंदू संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर फोटो दोबारा से वायरल कर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी। किसी ने स्वामी चिदानंद मुनि को मस्जिदों में जाकर हनुमान चालीसा करके दिखाने की चुनौती दी तो किसी ने उनको आपसी सौहार्द के नाम पर क्षेत्र का माहौल खराब नहीं करने की नसीहत तक दे दी। सोशल मीडिया के मुताबिक हिंदू संगठन से जुड़े एक युवक ने लिखा कि किले का दरवाजा कोई अपना ही भीतर से खोलता है। वरना अभी तक ऋषिकेश जिहादियों से अछूता था। यहां भी उनकी एंट्री करा दी है। यह दो लाइने समझने के लिए बहुत कुछ कह रही हैं। सोशल मीडिया पर जमकर चिदानंद मुनि महाराज के खिलाफ हिंदू संगठनों के साथ स्थानीय लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।

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हिंदू जागरण मंच के पूर्व जिला मंत्री विवेक गोस्वामी ने कहा कि परमार्थ निकेतन के गंगा घाट पर मुस्लिम धर्म गुरुओं को बुलाकर जिस तरह से फोटो खिंचवा कर वायरल क जा रही है वह हमारी आस्था के विपरीत है उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह के कार्य वे न करें,उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की हरकत दोबारा की गई तो वे आंदोलन करेंगे और स्वामी चिदानन्द का बहिष्कार करेंगे।उन्होंने संत समाज से भी इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की है।
वहीं इस मामले में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने जानकारी देते हुए बताया कि जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है वह 4 साल पुरानी है इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिस समय देश में राष्ट्रीय गान और तिरंगे झंडे को फहराया जाने को लेकर आपसी सहमति नहीं बन रही थी उस समय उलेमाओं को परमार्थ निकेतन बुलाया गया था जहां पर उन्होंने राष्ट्रगान गाने के साथ-साथ तिरंगा झंडा भी फहराया था।