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ऋषिकेश। मारपीट और दहेज उत्पीड़न में 16 साल पहले न्यायालय ने पति समेत उसके माता-पिता का दोषी करार दिया। अभियुक्त के इसके बाद से ही फरार चलते रहे। धरपकड़ से बचने के लिए आरोपियों ने दिल्ली में घर बेच दिया। मोबाइल नंबर भी बदल दिए, लेकिन अभियुक्तों का पीछा करते हुए आखिर उनतक पहुंच गई। अभियुक्तों को नोएडा से बामुश्किल गिरफ्तार किया गया। पेशी के बाद अदालत ने अभियुक्तों को जेल भेज दिया है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक साल 2004 में आवास-विकास, ऋषिकेश निवासी एक महिला ने पति और सास व ससुर पर पांच लाख रूपये दहेज की डिमांड का आरोप लगाया था। पीड़िता ने मारपीट और धमकी को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। नामजद आरोपी पति अमन उसके पिता राजपाल पांचाल और मां निर्मल देवी निवासी न्यू मार्डन शाहदरा, दिल्ली के खिलाफ पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया था। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद सुनवाई में आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
प्रभारी निरीक्षक खुशी राम पांडे ने बताया कि अभियुक्तों की धरपकड़ को पुलिस 16 साल से प्रयास में जुटी थी। पुलिस से बचने के लिए अभियुक्तों ने शाहदरा में न सिर्फ मकान व अन्य सभी संपत्तियां बेची, बल्कि मोबाइल नंबर भी बदल लिए। अभियुक्तों ने लेनदेन भी चेक के जरिए किया। लगातार धरपकड़ में प्रयास में जुटी पुलिस टीम को अभियुक्त नोएडा में रहते मिले। तत्काल गिरफ्तारी कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।