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ऋषिकेश।ढाई साल की बच्ची की गैर इरादतन हत्या में मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अभियुक्त को कोर्ट ने साल की सजा सुनाई है। 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की अदालत में ढाई साल की नैना तोमर के मामले में सजा सुनाई गई। कोर्ट ने सौतेली मां टीनू तोमर निवासी गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषी करार देते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई। गौरतलब है कि साल 2020 में ढाई साल की नैना तोमर को जख्मी हालत में शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उसकी मौत हो गई थी। चिकित्सकों ने नैना के शरीर पर 43 तरह की चोटों के निशान होने की रिपोर्ट दी थी। जबकि, आरोपी ने नैना के छत से गिरने के चलते जख्मी होने का दावा किया था। मामले में उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल की शिकायत पर 18 मई 2020 को आरोपी टीनू तोमर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। दो साल से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
पिता भी मामले में है आरोपी
ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने पिता योगेश तोमर को भी आरोपी बनाया था। पुलिस की तफ्तीश में योगेश की इस प्रकरण में संलिप्त नहीं पाई गई, जिसके चलते उसे विवेचना से हटा दिया गया। सौतेली मां टीनू तोमर की संलिप्तता के चलते मामले में न सिर्फ उसे आरोपी बनाया गया, बल्कि अब कोर्ट ने टीनू को चार साल की सजा भी सुनाई है।
ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध मौत के मामले में यह भी दिलचस्प पहलू है कि दो महीने तक कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया। कोई भी वादी सामने नहीं आने पर माननीय पहलू दिखाते हुए बमुश्किल खुद पुलिस वादी बनी, जिसके चलते मासूम की मौत का मामला न्यायालय तक पहुंचा। हालांकि, प्रकरण में हत्या की धारा तो विवेचना में नहीं लगी, मगर गैरइरादतन हत्या आईपीसी 304 में मुकदमा जरूर दर्ज हुआ, जिसमें अब दो साल बाद आरोपी सौतेली मां को चार साल की सजा का फैसला कोर्ट ने सुनाया है।