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ब्यूरो रिपोर्ट:पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी करार दिए जाने के बाद 30 साल तक सजा काट चुके ए. जी. पेरारिवलन की सजा सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त करने के आदेश दिए हैं, सुप्रीम कोर्ट में अपनी विशेष शक्ति के तहत पेरारिवलन की रिहाई के आदेश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को किसी कैदी की सजा माफ करने का अधिकार है, राजपाल ऐसा राज्य सरकार की सलाह पर करते हैं, अनुच्छेद में यह नहीं कहा गया है कि राज्यपाल रिहाई की फाइल राष्ट्रपति के पास भेजेंगे,पेरारिवलन के मामले में राज्यपाल ने अनुच्छेद 161 के तहत निर्णय लेने में काफी देर की है इसलिए सुप्रिम कोर्ट उसे रिहा कर रहा है,
इससे पहले 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को जमानत पर रिहा किया था, कोर्ट ने कहा था कि पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा समय से जेल में है, उसका आचरण बहुत अच्छा रहा है, उसके रिहाई पर फैसला लेने में सरकार की तरफ से हो रही देरी के कारण उसे हमेशा जेल में नहीं कर रखा जा सकता है.
21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु में श्रीपेरंबदूर में हत्या हुई थी, 11 जून 1991 को पेरारिवलन गिरफ्तार हुए,उस पर बम धमाके में काम आए 8 वोल्ट की बैटरी खरीद कर हमले के मास्टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष साबित हुआ था, घटना के समय 19 साल के रहे पेरारिवलन ने जेल में रहने के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी उसने अच्छे नंबरों के साथ कई डिग्रियां हासिल की.