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ऋषिकेश। विश्व बैंक पोषित अर्ध नगरीय पेयजल योजना ग्रामीणों के लिए महंगी साबित हो रही है पुराने एवरेज बिलिंग सिस्टम को अब जल संस्थान की योजना से जुड़ी इकाई ने बदल दिया है अब योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल उपभोक्ताओं से करीब 13 रुपए 1000 लीटर पेयजल खपत पर वसूला जा रहा है।
पेयजल बिलों में एकाएक बढ़ोतरी को लेकर ग्रामीण आग बबूला है दावा है कि पानी का बिल पहले के मुताबिक कई गुना ज्यादा आ रहा है जिसके चलते रायवाला क्षेत्र के ग्रामीण पहले हंगामा भी कर चुके हैं अब खत्री खड़क माफ कर ग्रामीणों ने बिजली बिलों में बढ़ोतरी को लेकर गुस्सा जाहिर किया है उन्होंने बिलिंग सिस्टम को नहीं सुधारने पर पेयजल कनेक्शन ही उखाड़ कर फेंकने की चेतावनी विभाग को दे दी है।
अधिशासी अभियंता राजेंद्र पाल सिंह के मुताबिक पेरी अर्बन योजना के तहत 2 माह के बिल संबंधित उपभोक्ताओं को विभाग ने भेजे हैं। इन बिलों में जितना पानी यूज हुआ है, उतना ही शुल्क अंकित किया गया है। कुछ-एक पेयजल मीटर में कमी हो सकती है, लेकिन ज्यादातर बिल बिल्कुल सही हैं। बताया कि उपभोक्ता की खपत के हिसाब से ही मीटर की रीडिंग( 12 रुपए 95 पैसे) से यह बिल जनरेट कर भेजे गए हैं।
क्या है यह योजना
विश्व बैंक पोषित अर्ध नगरीय पेयजल योजना में घनी आबादी वाले ग्रामीण इलाकों में सुचारू पेयजल के इंतजाम किए गए हैं योजना के तहत दो नलकूप हर क्षेत्र के लिए निर्मित किए गए हैं एक नलकूप खराब होने की दशा में दूसरे का इस्तेमाल वैकल्पिक के तौर पर किया जाएगा 12 मीटर तक की ऊंचाई पर प्रेशर से पानी पहुंचाना योजना में शामिल है सिर्फ इतना ही नहीं हर रोज 16 घंटे पानी की सप्लाई भी योजना में अनिवार्य की गई है। मरम्मत या अन्य किसी कार्य की दशा में साल में कम से कम 300 दिन उपभोक्ता को पानी दिया जाना अनिवार्य है।
रायवाला के बाद अब खदरी में हंगामा
खदरी खड़कमाफ में बिलों की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें जल संस्थान के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में शासनादेश के मुताबिक पेयजल बिल की वसूली नहीं होने का आरोप लगाते हुए पर ग्रामीण और ज्यादा आक्रोशित हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि अतिशीघ्र समस्या का निस्तारण नहीं किया गया, तो वह घरों से पेयजल के कनेक्शन उखाड़ कर फेंक देंगे। बता दें कि, बिलों की यह समस्या सिर्फ एक ग्रामसभा तक सीमित नहीं है। इससे ऋषिकेश क्षेत्र की कई ग्राम सभा के लोग प्रभावित हैं।