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ऋषिकेश:ऋषिकेश के भरत विहार में 6:30 एकड़ सरकारी भूमि पर भूमिफियाओं द्वारा किए गए कब्जे को हटाने में प्रशासन नाकाम दिख रहा है,जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी स्थानीय प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है, वही अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
भरत विहार स्थित खसरा नंबर 279/12 जोकि कुंभ मेला भूमि घोषित की गई थी,इस भूमि को हर कुंभ में मेला पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, इसके बावजूद भी भू-माफिया बेखौफ उक्त भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं, इसकी मामले की शिकायत मिलने के बाद देहरादून जिला अधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार बीते 4 मई को ऋषिकेश पहुंचे और विवादित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया,निरीक्षण के बाद उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह भूमि कुंभ मेला भूमि है, इस पर किए गए अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई अमल में लाई जाए, इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए थे की जिसने भी इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की है उसके खिलाफ भी सख्त सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है,3 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक इस पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है।
भरत विहार स्थित खसरा नंबर 279/12 की 6.5 एकड़ भूमि जिस पर हर कुंभ में मेला पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, इसके बावजूद भू-माफियाओं ने बेखौफ उक्त भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर धड़ल्ले से बेच दिए है, इस मामले की शिकायत मिलने के बाद देहरादून जिला अधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार बीते 4 मई को ऋषिकेश पहुंचे और विवादित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया,निरीक्षण के बाद उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह भूमि कुंभ मेला पार्किंग की है,इस पर किए गए अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई अमल में लाई जाए, इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए थे की जिसने भी इस भूमि पर कब्जा किया है उसके खिलाफ भी सख्त सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है,3 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक इस पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है।
वहीं इस मामले में उपजिलाधिकारी अपूर्वा पाण्डेय से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया,वैसे उपजिलाधिकारी फोन उठाती भी नहीं हैं,इसके अलावा तहसीलदार अमृता शर्मा को भी फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन काट दिया,उनके पक्ष आने के बाद प्रकाशित किया जाएगा।