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ऋषिकेश। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के देश में साल 2030 तक 50 फीसदी ऊर्जा जरूरतों को रिन्यूएबल एनर्जी से पूरी करने के लक्ष्य की ओर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बड़ा कदम बढ़ाया है। यूपी के बाद अब राजस्थान सरकार के सहयोग से कंपनी इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ी है, जिसके लिए कंपनी ने दस हजार मेगावाट क्षमता के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अल्ट्रा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क निर्माण के लिए राजस्थान सरकार के साथ करार किया है।
अपर महाप्रबंधक डा. एएन त्रिपाठी के मुताबिक शुक्रवार को टीएचडीसीआईएल के कारपोरेट कार्यालय स्थित रसमंजरी भवन में समझौता ज्ञापन (करार) पर दस्तखत के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राजस्थान सरकार के अपर मुख्य सचिव डा. सुबोध अग्रवाल और राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कारपोरेशन लिमिटेड (आरआरईसीएल ) के निदेशक तकनीकी सुनित माथुर शामिल हुए।
प्रबंधक गौरव कुमार ने बताया कि प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष (सीएमडी) राजीव विश्नोई की मौजूदगी में पार्क निर्माण के लिए टीएचडीसी के महाप्रबंधक संजय खैर और सुनित माथुर ने करार पर हस्ताक्षर किए। बताया कि अब पार्क विकसित करने के लिए एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी का गठन किया जाएगा, जिसके जरिए पार्क को डवलप करने की गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। पार्क बनने से राजस्थान में करीब दस हजार लोगों को अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
टीएचडीसी के सीएमडी राजीव विश्नोई ने बताया कि वर्तमान समय में टीएचडीसी की 6 परियोजनाएं चल रही हैं। जबकि 4 परियोजनाएं निर्माणाधीन है। राजस्थान सरकार के साथ 10 हजार मेगा वाट की सोलर परियोजना पर काम करना टीएचडीसी के लिए अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। जिसे टीएचडीसी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्वीकार किया है। 34 साल में जिस ऊंचाइयों पर टीएसडीसी पहुंची है। उसके लिए कंपनी में कार्यरत सभी कर्मचारी और अधिकारी खुद को गौरवशाली महसूस कर रहे हैं। बताया राजस्थान में शुरू होने वाली इस नई परियोजना के तहत 40 हजार करोड़ों का निवेश होगा। जिससे राजस्थान में सौर ऊर्जा का एक नया कीर्तिमान भी स्थापित होगा। बताया टीएचडीसी के फिलहाल थर्मल प्लांट और पंप प्लांट भी चल रहे हैं। उनकी पूरी कोशिश है कि भारत सरकार की जो देश को 24X7 बिजली देने की योजना है वह जल्द से जल्द पूरी हो सके।
राजस्थान सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में कुछ सालों से सूर्य देवता मेहरबान है। इस वजह से राज्य में 10 हजार मेगा वाट का सौर ऊर्जा प्लांट टीएचडीसी के सहयोग से लगाने की मुहिम शुरू की गई है। पहले राजस्थान में विंड एनर्जी का स्कोप बहुत अच्छा था। वर्तमान समय में 120 फीट की ऊंचाई पर विंड की स्पीड बहुत अच्छी है। लेकिन विंड पावर के लिए खर्चा बहुत ज्यादा है। इसलिए अब सौर ऊर्जा से बिजली की कमी को पूरा करने का प्रयास शुरू किया गया है।