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ऋषिकेश: आईडीपीएल कैंपस में स्थापित तमाम आवास और खोखों से लेकर सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े भवनों के आवंटन को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। कंपनी ने यहां बसे लोगों को 30 दिन के भीतर कैंपस छोड़ देना का नोटिस जारी किया है। बावजूद, पालन नहीं करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
आईडीपीएल के संपदा अधिकारी के मुताबिक साल 2016 में केंद्र सरकार कैबिनेट में कंपनी को बंद करने का फैसला ले चुकी है। वन भूमि पर स्थापित कंपनी का लीज एग्रीमेंट भी साल 2021 के नवंबर महीने में खत्म हो चुका है। अब लीज पर काबिज कंपीन की यह जमीन 27 मई तक वन विभाग का हस्तांतरित की जानी है। ऐसे में कंपनी कैंपस में लीज भूमि पर निर्मित सभी आवास, दुकानें, खोखे और प्लॉट आदि का आवंटन आईडीपीएल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
संपदा अधिकारी की मानें, तो नौ अप्रैल के बाद स्वतः ही कंपनी कैंपस में स्थापित तमाम आवास आदि के आवंटन को निरस्त मान लिया जाएगा। उन्होंने नोटिस के बावजूद 30 दिन में कैंपस खाली नहीं करने वालों पर कानूनी की कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। यह भी बताया है कि यह फैसला केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच हुई सहमति के बाद लिया गया है।
मुखर हुए लोग,सेव IDPL का आंदोलन की तैयारी
आईडीपीएल प्रशासन की ओर से कैंपस छोड़ने के नोटिस के साथ ही यहां बसे लोगों मुखर होते दिख रहे हैं। पार्षद विकास तेवतिया के मुताबिक उनके पिता को 60 के दशक में आईडीपीएल के आवास आवंटित किया था। बोले, एक तरफ सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर लोगों को आशियाना उपलब्ध कर रही है और दूसरी ही तरफ इस तरह के मामले। उन्होंने आईडीपीएल में 50 वर्ष से आवंटित आवासों में रहने वाले लोगों को नियमित करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है।