Nitya Samachar UK
ऋषिकेश:नगर क्षेत्र में इन दिनों भरत बिहार में करीब 6.5 एकड़ भूमि पर प्लॉटिंग का मामला चर्चाओं में है, दरअसल जिस भूमि पर यह प्लॉटिंग है, वह जमीन जिलाधिकारी के नाम दर्ज होने का दावा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने किया है।
इसी के तहत प्राधिकरण 3 दिन पहले 7 भवनों को सील किया था।प्लॉटिंग को भी ध्वस्त करने के लिए 3 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। लिहाजा अब प्राधिकरण का अल्टीमेटम खत्म हो चुका है। सवाल है कि क्या वाकई प्राधिकरण अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा या फिर संबंधित लोगों को अभयदान देगा?
हैरानी की बात यह है कि प्लाटिंग एक-दो दिन नहीं बल्कि कई वर्षों से जारी है,बावजूद प्राधिकरण को कार्रवाई की याद आई तो सही लेकिन देर से। सूत्रों का दावा है कि प्लॉटिंग पर कार्यवाही को लेकर अधिकारी और निगरानी कर रहे हैं,ऐसे में न सिर्फ अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर निगाहें प्राधिकरण पर टिकी है बल्कि डीएम की ओर से भी सख्त एक्शन का इंतजार है।
यह भी चर्चा है कि प्लॉटिंग से संबंधित लोगों राजनेताओं अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं,डीएम के नाम दर्ज भूमि पर कॉलोनी बसाने वाले इन लोगों की भी कार्रवाई के नाम से सांसे अटकी हुई है। बता दें कि डीएम से जुड़ी इस जमीन का खसरा नंबर 279 है।
ऋषिकेश में खसरा नंबर 279 के अंतर्गत आने वाली 6:30 एकड़ भूमि जो कि जिलाधिकारी के खाते की बताई जा रही है,उक्त भूमि पर भू-माफियाओं की गिद्ध दृष्टि पड़ चुकी है, काफी हद तक जमीन बेची जा चुकी है, हालांकि अभी भी एक बड़ा भूभाग शेष बचा हुआ है जिस पर भूमाफिया प्लॉटिंग कर चांदी काटना चाह रहे हैं।