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ऋषिकेश:ऋषिकेश हरिद्वार हाईवे पर हनुमान मंदिर के पास दो सांडों की लड़ाई के दौरान एक स्कूटी चपेट में आ गई। घटना में स्कूटी सवार मां और उसका 10 वर्षीय बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। जिनको उपचार के लिए सरकारी अस्पताल लाया गया। बेटे की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर एम्स रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान बेटे ने दम तोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ऋषिकेश हरिद्वार हाईवे पर अपर्णा तिवारी अपने 10 वर्षीय पुत्र आराध्य तिवारी को स्कूटी से स्कूल छोड़ने जा रही थी। हनुमान मंदिर के निकट अचानक दो सांड लड़ते-लड़ते स्कूटी से टकरा गए। घटना में अपर्णा और आराध्य दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनको उपचार के लिए स्थानीय लोगों ने सरकारी अस्पताल ऋषिकेश पहुंचाया। जहां आराध्य की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। उपचार के दौरान आराध्य ने एम्स में दम तोड़ दिया। एम्स चौकी प्रभारी मनवर सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस ने पहले शव कब्जे में लिया। मगर परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। जिलाधिकारी के आदेश पर बिना पोस्टमार्टम के ही शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। परिजनों ने जिला पंचायत पर आवारा पशुओं को सड़कों से नहीं हटाने का आरोप लगाया है। अपर्णा तिवारी का कहना है कि यदि जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने की ओर ध्यान देते तो आज उनके घर का चिराग जिंदा होता।
समाजसेवी संजय शास्त्री ने इस हादसे पर दुःख जताते हुए कहा की ऋषिकेश में आवारा पशुओं के लिए कांजी हाउस की व्यवस्था होना अनिवार्य है क्योंकि सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है आलम यह हो गया है कि आवारा पशु लोगों के घरों के भीतर भी घुसने लगे हैं इसके साथ ही सड़को पर भी आवारा पशुओं की वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं,उन्होंने कहा की सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
ऋषिकेश सीएमएस प्रदीप चंदोला ने बताया कि बीते रोज एक हादसे में घायल 10 वर्ष के बच्चे को लेकर राजकीय चिकित्सालय में कुछ लोग आए थे जहां पर बच्चे की हालत काफी गंभीर थी स्थिति को देखते हुए बच्चे को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था।