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ऋषिकेश:उत्तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी देहरादून ने सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी के आदेश तो 3 अगस्त को जारी कर दिए। लेकिन इसका प्रचार प्रसार 4 अगस्त की सुबह करीब 7 किया गया। देरी से हुए प्रचार प्रसार की वजह से पूरे जिले के छात्र भारी बारिश के बीच स्कूल पहुंच गए। स्कूल पहुंचने के कुछ देर बाद प्रबंधन वर्ग को जिलाधिकारी के आदेश के प्राप्ति हुई। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी की भारी बारिश के बीच स्कूल पहुंचे छात्रों को पढ़ाई कराई जाए या जिलाधिकारी के आदेश का पालन कराया जाए। क्योंकि भारी बारिश के बीच छात्रों का स्कूल आना और तत्काल छुट्टी कर उन्हें वापस घर भेजना स्कूल प्रबंधन के लिए चुनौती भरा दिखाई दिया। हालांकि आदेश की प्राप्ति होने के बाद कुछ स्कूलों ने छुट्टी की घोषणा करते हुए छात्रों को भारी बारिश के बीच वापस घर भेजा लेकिन कुछ स्कूलों में पढ़ाई होती रही। सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिलाधिकारी के आदेश पर कई प्रकार की प्रतिक्रिया देखने को मिली है। जिसमें लोग कह रहे हैं कि आखिरकार यह आदेश 3 अगस्त को जारी होने के बाद 3 अगस्त को ही स्कूलों तक और पब्लिक तक क्यों नहीं पहुंचा। अधिकारियों की सलाह पर भाई का खामियाजा पूरे जिले के हजारों बच्चों को भारी बारिश के बीच स्कूल पहुंचकर और फिर भारी बारिश के बीच ही घर वापस आकर सुविधाओं का सामना करते हुए भुगतना पड़ा है। ऋषिकेश में पार्षद अभिनव सिंह मलिक ने भी छुट्टी के आदेश देरी से सर्कुलेट होने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं ऑरेंज अलर्ट होने के बावजूद भी छुट्टी का आदेश उसे समय भेज रहे हैं जब बच्चे स्कूल जा चुके हैं ऐसे में किसी भी घटना की जिम्मेदारी भी लापरवाह अधिकारियों पर बनती है. उन्होंने कहा कि यह आदेश सुरक्षा के लिहाज से कम बल्कि परेशानी का सबक ज्यादा लगता है.

