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ऋषिकेश:चेक के मामले मे अधिवक्ता विकास नेगी ने पैरवी कर कराया बारी,वादी आशा शर्मा द्वारा अभियुक्त दिनेश मोंगा के विरुद्ध धारा 138, परितोषण अधिनियम (Negotiable Instruments Act) के अंतर्गत दो अलग-अलग वाद दायर किए गए थे। वादों में आरोप था कि अभियुक्त ने वादी से उधार प्राप्त धनराशि की वापसी हेतु चेक निर्गत किए, जो प्रस्तुत करने पर अस्वीकृत (बाउंस) हो गए।
वादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दो गवाह परीक्षित कराए गए, जिनसे अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता विकास नेगी द्वारा जिरह की गई। जिरह के दौरान साक्षियों के बयानों में आपसी विरोधाभास तथा असंगतियाँ पाई गईं, जिससे वादी के कथन पर संदेह उत्पन्न हुआ।
न्यायालय ने साक्ष्य एवं प्रस्तुत तथ्यों पर विचार करने के पश्चात यह अभिमत दिया कि वादी अपने आरोपों को संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रही। अतः वादी द्वारा प्रस्तुत दोनों वाद (संख्या 1079/2019 एवं 686/2019) को खारिज किया जाता है।
अभियुक्त दिनेश मोंगा को दोनों प्रकरणों में आरोपों से मुक्त (बरी) किया जाता है।अभियुक्त की ओर से प्रभावी पैरवी विकास नेगी, अधिवक्ता, द्वारा की गई।







