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ऋषिकेश:ऋषिकेश में पशुलोक विस्थापित कॉलोनी में पार्क की भूमि को आवंटित करने से क्षेत्र के लोग भड़क गए हैं। लोगों ने पुनर्वास खंड नई टिहरी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया है। आरोप लगाया कि मास्टर प्लान के हिसाब से बसाई गई कॉलोनी में पार्क की भूमि को भूमाफियाओं की मिली भगत से आवंटित किया गया है। जिसका विरोध किया जाता रहेगा।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वर्ष 2000 में टिहरी डैम बनने के दौरान कई गांव के लोगों को ऋषिकेश पशुलोक की भूमि पर विस्थापित कर बसाया गया। वर्तमान में करीब 11 हजार की आबादी विस्थापित कॉलोनी में निवासरत है। इस पूरी आबादी के बीच केवल एक ही पार्क है। जिसमें लोग शादी कार्यक्रम आदि करते हैं। स्थानीय निवासी चंद्रजीत सिंह असवाल ने कहा की यहां के लोगों को उम्मीद थी कि पुनर्वास खंड नई टिहरी जल्दी ही इस भूमि को बच्चों के खेलने के लिए पार्क के रूप में विकसित करेगा। लेकिन आज प्रशासन ने कुछ लोगों को पार्क की भूमि आवंटित कर दी। यह हाल तब है जब विस्थापित हुए लोगों को पथरी में पहले ही भूमि दी जा चुकी है। बावजूद इसके उन्हें यहां फिर से विस्थापित कर बसाया जा रहा है जो कि नियमों के विपरीत हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधि हरी सिंह भण्डारी ने आरोप लगाया की भूमि की मिली भगत और दबाव के चलते प्रशासन ने गलत निर्णय लिया है। इसका विरोध लगातार जारी रहेगा। पार्क की भूमि पर किसी को बसाने नहीं दिया जाएगा। क्योंकि धीरे-धीरे इस कॉलोनी की आबादी बढ़ेगी तो ऐसे में कॉलोनी के लोग अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम शादी और अन्य उत्सव कहां करेंगे।
इस मामले में प्रधान प्रतिनिधि जगदम्बा रतुड़ी ने कहा की पार्क के खाली पड़े भूखंड में चार लोगों को भूमि आवंटित कब हुई इसकी भनक उनको अभी दो दिन पहले ही लगी है, उन्होने कहा की ओस भूमि का उपयोग विस्थापित के जनता लिए होना चाहिए इसको लेकर वे टिहरी जिलाधिकारी से भी बात करेंगे उन्होंने कहा की एक डिलीगेट जिलाधिकारी से मिलेगा और और आवंटन रद्द करने की मांग करेगा.
वहीं जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि लालमणि रतूड़ी ने बताया कि लगभग 25 वर्ष बाद यह क्षेत्र अस्तित्व में आया है जहां पर लोग अपनी सुख सुविधाओं के लिए अपना जनप्रतिनिधि चुन सके और अपने हितों की रक्षा कर सकें, उन्होंने कहा कि विस्थापित क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दिए जाने से पहले ही कुछ लोग भ्रष्टाचार का गंदा खेल खेलने लगे हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा आवंटन जब तक रद्द नहीं होगा तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे.
इस मामले में जब टिहरी जिलाधिकारी को फोन से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया उनका पक्ष आने के बाद प्रकाशित किया जाएगा.
प्रदर्शन करने वालों में हरि सिंह भंडारी,जगदंबा रतूड़ी,लालमणि, मनीष मैठानी,रतूड़ी, अनिल बुटोला, राकेश नेगी, अनिल पडियार,आशु सिंह,ग्रीश नौटियाल, धर्मेन्द्र गुलियाल, आशु ताड़ियाल,राजेंद्र पंवार आदि शामिल थे.







