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ऋषिकेश:सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक होलिका दहन का त्योहार इस बार फाल्गुन मास की पूर्णिमा (17 मार्च ) को धूमधाम से मनाया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात को 9:20 से 10:30 तक रहेगा। खास बात यह है कि इस बार होलिका दहन के दिन मकर राशि का दिन है। इस दिन तीन ग्रहों की युक्ति बन रही है। जिसमें मंगल शनि और शुक्र ग्रह शामिल है। इन तीनों ग्रहों की युक्ति बनने से सिद्धि योग वृद्धि योग पर अमृत योग बन रहा है। जो अलग-अलग राशियों के अनुसार उनके जीवन पर लाभकारी सिद्ध होंगे।
17 मार्च को फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन का कार्यक्रम पूरे देश में किया जाता है। मान्यता है कि होलिका दहन के होने से सुख समृद्धि की प्राप्ति इंसानों को होती है। इस दिन विधि विधान से लोग होलिका दहन को लेकर मान्यताओं के अनुसार कथा का श्रवण भी करते हैं। पंडित जनार्दन कैरवान ने बताया कि विधि विधान के साथ साथ शुभ मुहूर्त में यदि होलिका दहन किया जाए तो इसका फल केवल होलिका की पूजा करने वाले को ही नहीं मिलता बल्कि उन सभी लोगों को मिलता है जो होलिका दहन के साक्षी बनते हैं। वही होलिका दहन के दौरान जिन नक्षत्रों में ग्रहों की अदला बदली होती है वह भी मनुष्य जीवन पर काफी प्रभाव डालती है। बताया इस बार मंगल शनि और शुक्र ग्रह ज्यादातर सभी राशियों के लिए शुभ कार्य सिद्ध होने वाले हैं। क्योंकि तीनों ग्रहों की एक युक्ति बन रही है। जिसमें सबसे पहले सिद्धि योग फिर वृद्धि योग और फिर अमृत योग बन रहा है। तीनों ही योग मनुष्य के जीवन में खुशहाली लाने वाले लोग हैं। इसलिए फाल्गुन मास की पूर्णिमा को रात 9:20 से 10:30 तक के शुभ मुहूर्त में होलिका दहन विधि विधान से होना चाहिए।